सोलन जिले में स्क्रब टायफस की दस्तक, पांचों चिकित्सा खंड में अलर्ट जारी

सोलन जिले में स्क्रब टायफस की दस्तक, पांचों चिकित्सा खंड में अलर्ट जारी

सोलन। जिले के अस्पतालों में अब स्क्रब टायफस के मामले आना शुरू हो गए हैं। अभी तक 11 मरीज स्क्रब टायफस पॉजिटिव निकलें हैं। वहीं जिला सोलन के दो मरीजों की आईजीएमसी शिमला में मौत भी बीते दिनों हो गई है। इसके बाद से स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है। पांचों चिकित्सा खंड में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मामले आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ना शुरू हो गई हैं।

संदिग्ध मरीजों के स्क्रब टायफस सैंपल जांच के निर्देश भी विभाग की ओर दिए गए हैं ताकि तुरंत उपचार शुरू किया जा सके। अस्पतालों में रोजाना बुखार के 150 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादा बुखार वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे मरीजों के स्क्रब टायफस समेत डेंगू के टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि आगामी दिनों में स्क्रब टायफस के मामले आ सकते हैं। क्योंकि इन दिन अधिक लोग खेतों में कार्य करते हैं। ऐसे में स्क्रब टायफस मामले आने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए महकमे ने जिले के पांचों चिकित्सा खंड में दवाओं की खेप की भी पूर्ति कर दी है। वहीं मामलों के आने के बाद विभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों जागरूक करने के लिए टीम का गठन भी कर दिया है। यह टीम घरद्वार पर जाकर लक्षणों के बारे में बता रही है। वहीं लोगों को स्क्रब टायफस के लक्षणों के आने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेने का भी आग्रह कर रही है। साथ ही तुरंत टेस्टिंग करने के लिए भी कहा गया है।

स्क्रब टायफस के लक्षण
स्क्रब टायफस आरेशिया सुशुमुशी वायरस के काटने से होता है। यह घास में पाया जाता है। स्क्रब टायफस की चपेट में 25 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लोग अधिक आते हैं। 104 से 105 डिग्री तक बुखार हो सकता है। जोड़ों में दर्द व कंपकपी के साथ बुखार का आना, शरीर में अकड़न, या शरीर का टूटा हुआ लगना इसके लक्षण हैं। अधिक संक्रमण होने पर गर्दन, बाजू के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां हो सकती है। काले रंग के चकत्ते बनते हैंं।

जिले में अभी तक स्क्रब टायफस के 11 मामले आ चुके हैं। दो की मौत आईजीएमसी शिमला में हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से खंड चिकित्सा अधिकारियों को कमर कसने के लिए कहा है। लोगों से भी आग्रह किया गया है कि संबंधित लक्षण आते ही चिकित्सक की सलाह लें। बिना चिकित्सक के कोई भी दवाई का सेवन न करें।
-डॉ. अमित रंजन तलवाड़
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, सोलन

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